Welcome to the website of
SarvaShakti Foundation
-Educated Empowered Secure Society
"Sarvashakti Foundation" is a charitable trust registrered at Prayagraj, Uttar Pradesh. It works for the territorial economic and social development of vulnerable populations. For many years, we have been committed to the same objective: to combat poverty by encouraging the emergence of local organisations that are capable of overcoming the challenges posed by exclusion and economic vulnerability in Rural and Urban India.
"Sarvashakti Foundation" has been build a strong network of partnerships with civil-society organisations (CSO) that are deeply rooted in their respective localities in India. We works closely with over 50 NGOs and professional organisations, as well as territorial and local authorities to enable lots of people each year to make a decent living from their work on their land.
उद्देश्य :
- समाज के पिछड़े और उपेक्षित, लोगों को शैक्षणिक, सामाजिक व आर्थिक विकास हेतु प्रोत्साहित करना।
- जैव विविधता, वन्य क्षेत्रों व प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं विकास करने हेतु सभी सम्भव प्रयास करना।
- हस्त शिल्प एवं वस्त्र मंत्रालय से सम्बद्ध उद्योगों, शिविर एवं केन्द्रों की स्थापना करना, प्रदर्शनी लगाना एवं देश विदेश में प्रचार एवं प्रसार करना ।
- नर्सरी कक्षा, प्राईमरी स्कूल, जूनियर हाई स्कूल, इण्टर कॉलिज, डिगरी कॉलिज से उच्चतम शिक्षा तक तथा तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा के लिये स्कूल एवं कालेज व इन्स्टीटयूट खोलना, तथा छात्रों की हर प्रकार से सहायता करना।
- पिछड़े हुये युवाजनों के लिये आरोग्य मन्दिर, और बौद्धिक विकास के लिये पुस्तकालय, वाचनालय केन्द्र की स्थापना करना।
- दिव्यांग एवं कुष्ठ तथा संक्रामक रोगों से ग्रस्त निराश्रित निःसहाय लोगों की चिकित्सा, आश्रय स्थल, स्वास्थ्य केन्द्रो की व्यवस्था करना एवं संचालन करना।
- निराश्रित महिलाओं और बच्चों के लिए आश्रय स्थल, नारी सुलभ उद्योंगों का प्रशिक्षण एवं महिला एवं बाल विकास केन्द्रों एवं स्वास्थ केन्द्रो की स्थापना करना तथा उन्हें योग्य बनाने हेतु हर सम्भव प्रयास करना
- जाति धर्म, और भाषा के आधार उत्पन्न हुए द्वेष वैमनस्य की भावना को दूर करना, राष्ट्रीय एकता की भावना प्रसार-प्रचार करना।
- गंगा, यमुना आदि संस्कृतिक विरासत या भौतिक रूप से लाभकारी से जुड़ी सभी नदियों, झीलों, तालाबों और अन्य जल स्रोतों के लिए विशेष रूप से कार्य करके उनको विभिन्न प्रकार के कब्जे से मुक्त कराना, उनकी स्वच्छता हेतु अभियान चलाना। इनके अंदर और निकट निवास करने वाले जीव जंतुओं की रक्षा एवं संवर्धन हेतु कार्य करना।
- पर्यटन, सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व के स्थानो पर प्रकृति हितार्थ और जनहित के कार्य करना।
- सांस्कृतिक महत्व के स्थानो पर प्रचार प्रसार जागरूकता अभियान जैसे रैली, बैठक, मेला, पूजन स्थल, सूचना संग्रह स्थल और धर्मशाला आदि का निर्माण और संचालन आदि करना।